0 views
सौम्या, जो अपनी दोस्त ज्योति के पिता नरेन्द्र की बहुत परवाह करती है, उसके करीब आती है, लेकिन भाग्य और षड्यंत्र उन्हें अलग कर देते हैं।
सौम्या, जो अपनी दोस्त ज्योति के पिता नरेन्द्र की बहुत परवाह करती है, उसके करीब आती है, लेकिन भाग्य और षड्यंत्र उन्हें अलग कर देते हैं।